A REVIEW OF SHIV CHAISA

A Review Of Shiv chaisa

A Review Of Shiv chaisa

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जो यह पाठ करे मन लाई। ता पार होत है शम्भु सहाई॥

जय गिरिजा पति दीन दयाला। सदा करत सन्तन प्रतिपाला॥

शिव आरती

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥

सागर मध्य कमल हैं जैसे ॥ कार्तिक श्याम और गणराऊ ।

अर्थ: हे प्रभू आपने तुरंत तरकासुर को मारने के लिए षडानन (भगवान शिव व पार्वती के पुत्र कार्तिकेय) को भेजा। आपने ही जलंधर (श्रीमद‍्देवी भागवत् पुराण के अनुसार भगवान शिव के तेज से ही जलंधर पैदा हुआ था) नामक असुर का संहार किया। आपके कल्याणकारी यश को पूरा संसार जानता है।

पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे ॥

अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, more info जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता।

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कमल नयन पूजन चहं सोई ॥ कठिन भक्ति देखी प्रभु शंकर ।

हनुमान चालीसा लिरिक्स

स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु मम संकट भारी॥

तुरत षडानन आप पठायउ। लवनिमेष महँ मारि गिरायउ॥

दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने प्राचीन Shiv chaisa हनुमान मंदिर में पूजा किया

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